narendrasinghsisodiyanimohi
मंगलवार, 30 अगस्त 2011
narendrasinghsisodiyanimohi: vaebhavta ka pradrshan?
narendrasinghsisodiyanimohi: vaebhavta ka pradrshan?: $$$$वैभवता का नंगा प्रदर्शन?%%% मन घूम रहा था ,ऊपर वाले को ढूंढ़ रहा था, मनएक भव्य वैवाहिक समारोह में, इंसानियत को पूछ रहा था? हंगा...
vaebhavta ka pradrshan?
$$$$वैभवता का नंगा प्रदर्शन?%%%
मन घूम रहा था ,ऊपर वाले को ढूंढ़ रहा था,
मनएक भव्य वैवाहिक समारोह में,
इंसानियत को पूछ रहा था?
हंगामी सी थी पार्टी ?
वैभवता का नंगानाच देख रहाथा?
नेत्र फैले आत्मा चोंकीविवेक से उलझी ?
यह क्या?एक और भयानक दरिद्रता ?
एक एक नेवले को तरसता जीवन?
बचपन,जवानी,,बुढ़ापा अभाबों में जीता ?
एक और जीबंत दरिंदगी ?
औरजितना खाना उससे कई गुना ज्यादा फेकना?
एक और तन ढापने को चिंदी नही ?
किसी किसीका एक एक वस्त्र,
उस गरीब की जिन्दगी भर की कमाई सेभी ज्यादाकीमती?
एक की जिन्दगी विधाता की भूल होती?
एक कीजिन्दगी ऐश का, वहशी पंन का तालमेल?
एक का वस्त्र परिधान लाखों करोड़ों का,
महज नंग धडंग काया पे चिंदीचिपड़ी,
पीठ सारीखुली हुई, जाघें वस्त्रविहीन सी,
परिधान मेंसेअंग वस्त्र झांक रहे ?
वस्त्र परिधान,महज़ नंग सी कायालपेटे फैशन शो ?
एक को तनढापने सपनों में भी चिंदीक्या?
ऐसीफटी लंगोटी भी नसीब में लिखीनहीहोती?
सिसकता सबेरा ,परेशान दोपहरी,खीजती शाम
,न कटने वाली रातें ?
\आये दिनमुंह तकती भूख ,बेबसी से मोतें?
रविवार, 28 अगस्त 2011
narendrasinghsisodiyanimohi: trashna
narendrasinghsisodiyanimohi: trashna: |||||||||तृष्णा|||||||||||| तृष्णा की जहरीली फसले बोई जा रहीं, तृष्णाका बढ़ता जा बाज़ार? तृष्णा कई मुल्कों कीनींव में भरी अमेरिका ,ब्रिट...
trashna
|||||||||तृष्णा||||||||||||
तृष्णा की जहरीली फसले बोई जा रहीं,
तृष्णाका बढ़ता जा बाज़ार?
तृष्णा कई मुल्कों कीनींव में भरी
अमेरिका ,ब्रिटेन ,चीन जापान जैसे,
कई देश भी लगे इसके बीमार?
तृष्णा मेंकई बहुराष्ट्रीय कम्पनी गुल खिला रहीं
तृष्णा है विदेशी व्हुरास्त्रिय कम्पनियों का हथियार?
तृष्णा ने विश्व को स्वार्थ मेंझोंक दिया ,
मंहगाई कीसीधी नही टेढ़ी बढती जा रही है रफ्तार?
वायदा व्यापार ,शेयर मार्केटिग काझूठा जाल फैला,
करते जारहे व्यवस्थाको,देशोंकोबीमार?
तृष्णा राजनीती में भ्रष्टाचार का कारण बनी,
,
तृष्णा ही बना रही कालाधन ,जमाखोरी ,मिलावट ,
काला बजारी का घिनोना संसार?
तृष्णा मेंबर्बाद हो रहे,घर के घर ,परिवार के परिवार ,
तृष्णा लिए आदमी पैदा होता ,तृष्णा लिए मर जाता हर बार?
तृष्णा क्या लेकर आती ,तृष्णा क्याले कर जाती ?
तृष्णा ही करती जारही स्वार्थी करोबार ?
कई देश तृष्णा के लिए,कई देशों का शोषण कर रहे?
तृष्णा पूर्ति के लिए ही चाहिए ,
कई देशोंको दादा गर्दीअधिकार?
तृष्णा का निर्मोही कियूं खेल खेला जाता ?
तृष्णा ही लाती मुसीबतों की बहार?
narendrasinghsisodiyanimohi: esa ho skta hai kya?
narendrasinghsisodiyanimohi: esa ho skta hai kya?: """""""की होता है?"""" करोड़ों लोगों का गुरुर, एक पल में हिरन हो गया? जिसे देश भक्त,जनता कासेवक समझ, सत्ता सोंपी थी ,वही नेता गद्दार हो, ...
esa ho skta hai kya?
"""""""की होता है?""""
करोड़ों लोगों का गुरुर,
एक पल में हिरन हो गया?
जिसे देश भक्त,जनता कासेवक समझ,
सत्ता सोंपी थी ,वही नेता गद्दार हो,
देशकोगिरवी रखने
,यहाँ तक अपने स्वार्थो,
अपनी दलाली के लिए,
देश बेचने को तैयार होगया?
नेता बात बातमें झूठ बोलता ,
जनता के जीवन में नरक घोलता गया?
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